Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
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शक्ति और समृद्धि का प्रतीक श्री दुर्गा बीसा यंत्र मां दुर्गा को जल्द प्रसन्न करने के लिए आज ही घर में स्थापित करें शक्तिशाली दुर्गा बीसा यंत्र!
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, shiv chalisa lyricsl आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। shiv chalisa lyricsl आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
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जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
कठिन भक्ति देखी Shiv chaisa प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥